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पलामू के जरदेवा पहाड़ पर पुलिस-सीआरपीएफ का सघन अभियान: माओवादियों का छुपाया हुआ हथियार बरामद

हुसैनाबाद, पलामू: झारखंड में विधानसभा चुनाव 2024 को शांतिपूर्ण और भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। इसी के तहत पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने 27 अक्टूबर को एक सघन एरिया डोमिनेशन अभियान चलाया। अभियान का नेतृत्व सीआरपीएफ की 93वीं बटालियन और स्थानीय पुलिस बल ने किया, जिसका उद्देश्य माओवादियों की गतिविधियों पर लगाम लगाना और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखना था।

गुप्त सूचना पर सर्च अभियान

इस दौरान सुरक्षा दल को गुप्त सूचना मिली कि जरदेवा पहाड़ के पास माओवादी जोनल कमांडर नितेश यादव, संजय यादव उर्फ गोदराम, और ठेगन मियां ने चुनाव को प्रभावित करने और जनता में भय उत्पन्न करने के उद्देश्य से हथियारों का भंडार जमीन में छुपा रखा है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस और सीआरपीएफ ने सर्च अभियान शुरू किया।

जंगल से हथियार बरामद

सर्च अभियान के दौरान टीम ने जंगल में जमीन के अंदर छुपा कर रखी एक दो नाली बंदूक और बारह बोर के दो जिंदा कारतूस बरामद किए। यह बरामदगी माओवादियों की चुनाव में खलल डालने की साजिश को विफल करने में महत्वपूर्ण साबित हुई। बरामद हथियारों को जब्त करने के बाद हुसैनाबाद थाना में मामला संख्या 225/24, दिनांक 27/10/2024 के तहत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया।

सुरक्षा टीम की प्रमुख भूमिका

इस छापेमारी दल में सीआरपीएफ की 93वीं बटालियन के कंपनी कमांडर कुन्दन सिंह, चंदन सिंह चौहान, रविन्द्र कुमार शर्मा, हुसैनाबाद थाना प्रभारी संजय कुमार यादव, अनंत कुमार सिंह, रमण यादव, महुदंड ओ.पी. प्रभारी कमलेश प्रताप सिन्हा और सैट-34 के जवान शामिल थे। इन सभी सुरक्षा अधिकारियों और जवानों की कड़ी मेहनत और सक्रियता से चुनाव में माओवादी हस्तक्षेप की संभावनाओं पर नियंत्रण पाने में सफलता मिली है।

चुनाव में शांति बनाए रखने का प्रयास

इस अभियान से क्षेत्र में भयमुक्त और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने की प्रशासन की दृढ़ प्रतिबद्धता जाहिर होती है। यह बरामदगी माओवादियों की ओर से जनता में खौफ पैदा करने की किसी भी कोशिश को नाकाम करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लोग निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

इस छापेमारी से चुनाव प्रक्रिया में माओवादी प्रभाव को सीमित करने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है, और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने का प्रशासन का प्रयास प्रशंसनीय है।

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